अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ निवेश करें
2 यूरो में सुरक्षित करें बहरीन बेरोजगारी की दर
शेयर मूल्य
वर्तमान में बहरीन में बेरोजगारी की दर का मूल्य 6.6 % है। बहरीन में बेरोजगारी की दर 1/1/2021 को बढ़कर 6.6 % हो गई, जबकि यह 1/1/2020 को 5.9 % थी। 1/1/2006 से 1/1/2022 तक, बहरीन में औसत GDP 5.2 % थी। अब तक का उच्चतम स्तर 1/1/2006 को 16 % के साथ प्राप्त हुआ, जबकि निम्नतम मूल्य 1/1/2009 को 3.5 % दर्ज किया गया।
बेरोजगारी की दर ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
बेरोजगारी दर | |
---|---|
1/1/2006 | 16 % |
1/1/2007 | 5.6 % |
1/1/2008 | 6 % |
1/1/2009 | 3.5 % |
1/1/2010 | 3.8 % |
1/1/2011 | 4 % |
1/1/2012 | 4.1 % |
1/1/2013 | 3.9 % |
1/1/2014 | 3.8 % |
1/1/2015 | 3.8 % |
1/1/2016 | 3.7 % |
1/1/2017 | 3.6 % |
1/1/2018 | 3.9 % |
1/1/2019 | 4.7 % |
1/1/2020 | 5.9 % |
1/1/2021 | 6.6 % |
बेरोजगारी की दर इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/1/2021 | 6.6 % |
1/1/2020 | 5.9 % |
1/1/2019 | 4.7 % |
1/1/2018 | 3.9 % |
1/1/2017 | 3.6 % |
1/1/2016 | 3.7 % |
1/1/2015 | 3.8 % |
1/1/2014 | 3.8 % |
1/1/2013 | 3.9 % |
1/1/2012 | 4.1 % |
बेरोजगारी की दर के समान मैक्रो संकेतक
नाम | वर्तमान | पिछला | फ्रीक्वेंसी |
---|---|---|---|
🇧🇭 जनसंख्या | 1.47 मिलियन | 1.46 मिलियन | वार्षिक |
🇧🇭 मजदूरी | 859 BHD/Month | 857 BHD/Month | तिमाही |
🇧🇭 रोजगार में लगे व्यक्ति | 6,10,427 | 6,17,428 | तिमाही |
बहरीन में बेरोजगारी दर श्रमिक बल के प्रतिशत के रूप में नौकरी की सक्रिय खोज में जुटे लोगों की संख्या को मापती है।
अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया
- 🇨🇳चीन
- 🇮🇳भारत
- 🇮🇩इंडोनेशिया
- 🇯🇵जापान
- 🇸🇦सऊदी अरब
- 🇸🇬सिंगापुर
- 🇰🇷दक्षिण कोरिया
- 🇹🇷तुर्की
- 🇦🇫अफगानिस्तान
- 🇦🇲आर्मीनिया
- 🇦🇿अज़रबैजान
- 🇧🇩बांग्लादेश
- 🇧🇹भूटान
- 🇧🇳ब्रुनेई
- 🇰🇭कंबोडिया
- 🇹🇱पूर्वी तिमोर
- 🇬🇪जॉर्जिया
- 🇭🇰हांगकांग
- 🇮🇷ईरान
- 🇮🇶इराक
- 🇮🇱इज़राइल
- 🇯🇴जॉर्डन
- 🇰🇿कजाखस्तान
- 🇰🇼कुवैत
- 🇰🇬किर्गिज़स्तान
- 🇱🇦लाओस
- 🇱🇧लेबनान
- 🇲🇴मकाऊ
- 🇲🇾मलेशिया
- 🇲🇻मालदीव
- 🇲🇳मंगोलिया
- 🇲🇲म्यांमार
- 🇳🇵नेपाल
- 🇰🇵उत्तर कोरिया
- 🇴🇲ओमान
- 🇵🇰पाकिस्तान
- 🇵🇸पलेस्टीन
- 🇵🇭फिलीपींस
- 🇶🇦क़तर
- 🇱🇰श्रीलंका
- 🇸🇾सीरिया
- 🇹🇼ताइवान
- 🇹🇯ताजिकिस्तान
- 🇹🇭थाईलैंड
- 🇹🇲तुर्कमेनिस्तान
- 🇦🇪संयुक्त अरब अमीरात
- 🇺🇿उज़्बेकिस्तान
- 🇻🇳वियतनाम
- 🇾🇪यमन
बेरोजगारी की दर क्या है?
उम्मीदवार दर (Unemployment Rate) किसी भी देश की आर्थिक स्थिति को मापने के महत्वपूर्ण संकेतकों में से एक है। यह दर उस समय को दर्शाती है जब कार्यशील आयु वर्ग के लोग, जो आर्थिक रूप से सक्रिय होते हैं, वे किसी वजह से काम नहीं कर पाते हैं। किसी भी शासन की आर्थिक नीतियों, वैश्विक व्यापार, निजी एवं सार्वजनिक निवेश, और मौद्रिक नीतियों के प्रभाव को मापने का एक प्रमुख साधन है। EulerPool में, हम आपको नवीनतम और सटीक वजनदररहित बेरोजगारी दर डेटा प्रदान करते हैं, जो आपको आर्थिक स्थिति का वस्तुनिष्ठ विश्लेषण करने में मदद करते हैं। बेरोजगारी दर के कई कारक होते हैं, जैसे तकनीकी प्रगति, शिक्षा का स्तर, और औद्योगिक संरचना, जो किसी विकसित और विकासशील राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं। बेरोजगारी दर को मापने के विभिन्न तरीकों में प्रमुख है - साक्षात्कार, सर्वेक्षण और प्रशासनिक आंकड़े। भारत जैसे बड़े देश में, इस दर को मापने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएँ अनेक सर्वेक्षण और सेंसस करती हैं। उन डेटा का विश्लेषण करने के बाद ही बेरोजगारी की वास्तविक दर को स्थापित किया जा सकता है। बेरोजगारी दर को प्रायः साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या वार्षिक आधार पर प्रकाशित किया जाता है, ताकि आर्थिक प्रवृत्तियों का विश्लेषण किया जा सके। यह दर दरअसल बताती है कि कितने प्रतिशत कामकाजी जनसंख्या रोजगार रहित है, और इस आधार पर ही आर्थिक नीतियों से जुड़े फैसले किए जाते हैं। आर्थिक विशेषज्ञ बेरोजगारी दर को एक संदर्भ मानक के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जिससे जीडीपी, मुद्रास्फीति, और अन्य आर्थिक संकेतकों का बदलाव समझा जा सके। यदि बेरोजगारी दर कम होती है, तो इसका मतलब है कि ज्यादातर कामकाजी आयु वर्ग के लोग काम कर रहे हैं और अर्थव्यवस्था की स्थिति स्वस्थ है। इससे खर्च की शक्ति बढ़ती है, जिससे उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढ़ती है और उत्पादन में वृद्धि होती है। इसके विपरीत, यदि बेरोजगारी दर अधिक होती है तो यह एक चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि इससे आर्थिक असुरक्षा, अपराध दर में वृद्धि और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। बेरोजगारी दर को चार प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: साइक्लिकल बेरोजगारी, सेक्यूलर बेरोजगारी, सीजनल बेरोजगारी, और फ्रिक्शनल बेरोजगारी। प्रत्येक श्रेणी अलग-अलग कारणों और प्रभावों के साथ जुड़ी हुई है। साइक्लिकल बेरोजगारी आर्थिक मंदी के कारण होती है, जबकि सेक्यूलर बेरोजगारी दीर्घकालिक संरचनात्मक असंतुलन का परिणाम है। सीजनल बेरोजगारी मौसमी प्रकृति के कारण होती है, और फ्रिक्शनल बेरोजगारी तब होती है जब लोग अपनी नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी की तलाश में होते हैं। देशों की तुलना करते समय, बेरोजगारी दर को ध्यान में रखकर नीति निर्धारण करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। एक उच्च बेरोजगारी दर सुझाव देती है कि देश की आर्थिक गतिविधियों में कुछ कमियाँ हैं जो कि आवश्यक सुधारों के लिए नीतिगत दृष्टिकोण मांगती हैं। दूसरी ओर, यदि बेरोजगारी दर कम है, तो यह सुझाव देता है कि देश की अर्थव्यवस्था स्वस्थ और स्थिर है। EulerPool आपको इन सभी पक्षों पर विस्तृत और सटीक डेटा प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य आपको ऐसा डेटा प्रदान करना है, जो आर्थिक स्थिति का सूक्ष्म और व्यापक विश्लेषण करने में सक्षम हो। हमारा प्लेटफार्म आपको वास्तविक समय में अपडेटेड डेटा प्रदान करता है, ताकि आप अपने आर्थिक विश्लेषण को व्यापक रूप से अपडेट रख सकें। इसके अतिरिक्त, हमारी टीम डेटा वैज्ञानिक और अर्थशास्त्रियों की उन्नत तकनीकों का उपयोग करके बेरोजगारी दर के त्रेंड्स और प्रोजेक्शन्स का विश्लेषण करती है। यह आपको आर्थिक निर्णय लेने में एक ठोस आधार प्रदान करता है और आपके व्यवसायिक और व्यक्तिगत आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है। बेरोजगारी दर का अध्ययन कई विशेषज्ञों और संस्थाओं के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, लेकिन EulerPool इसे सुनियोजित और सुलभ बनाता है। हम आधुनिक और परिष्कृत तकनीकों का उपयोग करके, आपको उच्चतम गुणवत्ता का डेटा प्रदान करने का वादा करते हैं। हमारा प्लेटफार्म न केवल डेटा को वीझुअलाइट करके प्रस्तुत करता है, बल्कि उसे समझने योग्य और विश्लेशणीय भी बनाता है, ताकि आप सही निर्णय ले सकें। कुल मिलाकर, बेरोजगारी दर एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है जो किसी भी देश की आर्थिक स्वास्थ्य की स्पष्ट तस्वीर पेश करता है। EulerPool पर, हम आपको निष्पक्ष, सटीक और ताज़ा डेटा प्रदान करके, आपकी आर्थिक रणनीतियों और शोध को एक नई दिशा देने का समर्पित प्रयास करते हैं। हमारे प्लेटफार्म पर अवश्य आएं और नवीनतम बेरोजगारी दर डेटा का विश्लेषण करें। EulerPool के साथ, आर्थिक निर्णय लेना एक वैज्ञानिक प्रक्रिया बनेगी, जो सटीकता और विश्लेषण पर आधारित हो।