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2 यूरो में सुरक्षित करें लक्ज़मबर्ग घरेलू ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में
शेयर मूल्य
लक्ज़मबर्ग में घरेलू ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में का वर्तमान मूल्य 68.8 % of GDP है। लक्ज़मबर्ग में घरेलू ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में 1/9/2023 पर घटकर 68.8 % of GDP हो गया, जबकि यह 1/6/2023 पर 69.8 % of GDP था। 1/3/1995 से 1/12/2023 तक, लक्ज़मबर्ग में औसत जीडीपी 52.29 % of GDP थी। 1/6/2020 पर सर्वकालिक उच्चतम मूल्य 69.8 % of GDP दर्ज किया गया, जबकि निम्नतम मूल्य 1/9/1996 पर 35.5 % of GDP दर्ज किया गया।
घरेलू ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
घरेलू ऋण से सकल घरेलू उत्पाद | |
---|---|
1/3/1995 | 36.2 % of GDP |
1/6/1995 | 37.1 % of GDP |
1/9/1995 | 37.4 % of GDP |
1/12/1995 | 38.4 % of GDP |
1/3/1996 | 36.2 % of GDP |
1/6/1996 | 36.2 % of GDP |
1/9/1996 | 35.5 % of GDP |
1/12/1996 | 37.5 % of GDP |
1/3/1997 | 38 % of GDP |
1/6/1997 | 37.9 % of GDP |
1/9/1997 | 38.5 % of GDP |
1/12/1997 | 37.8 % of GDP |
1/3/1998 | 38.3 % of GDP |
1/6/1998 | 38.7 % of GDP |
1/9/1998 | 39.1 % of GDP |
1/12/1998 | 36.9 % of GDP |
1/3/1999 | 39.1 % of GDP |
1/6/1999 | 39.8 % of GDP |
1/9/1999 | 37.8 % of GDP |
1/12/1999 | 38.2 % of GDP |
1/3/2000 | 39.2 % of GDP |
1/6/2000 | 38.9 % of GDP |
1/9/2000 | 38.5 % of GDP |
1/12/2000 | 38.8 % of GDP |
1/3/2001 | 39.4 % of GDP |
1/6/2001 | 40.2 % of GDP |
1/9/2001 | 39 % of GDP |
1/12/2001 | 39.2 % of GDP |
1/3/2002 | 39 % of GDP |
1/6/2002 | 38.6 % of GDP |
1/9/2002 | 37.8 % of GDP |
1/12/2002 | 39.8 % of GDP |
1/3/2003 | 40.2 % of GDP |
1/6/2003 | 42.4 % of GDP |
1/9/2003 | 41.4 % of GDP |
1/12/2003 | 43.3 % of GDP |
1/3/2004 | 43.4 % of GDP |
1/6/2004 | 43.5 % of GDP |
1/9/2004 | 43.3 % of GDP |
1/12/2004 | 44.2 % of GDP |
1/3/2005 | 44.6 % of GDP |
1/6/2005 | 45.5 % of GDP |
1/9/2005 | 46.8 % of GDP |
1/12/2005 | 46 % of GDP |
1/3/2006 | 45.7 % of GDP |
1/6/2006 | 45.4 % of GDP |
1/9/2006 | 45.2 % of GDP |
1/12/2006 | 45.9 % of GDP |
1/3/2007 | 49.3 % of GDP |
1/6/2007 | 49.7 % of GDP |
1/9/2007 | 50.3 % of GDP |
1/12/2007 | 51.2 % of GDP |
1/3/2008 | 51.1 % of GDP |
1/6/2008 | 51.8 % of GDP |
1/9/2008 | 52.9 % of GDP |
1/12/2008 | 52 % of GDP |
1/3/2009 | 52.7 % of GDP |
1/6/2009 | 54.6 % of GDP |
1/9/2009 | 55.7 % of GDP |
1/12/2009 | 55.8 % of GDP |
1/3/2010 | 55.1 % of GDP |
1/6/2010 | 54.9 % of GDP |
1/9/2010 | 54.9 % of GDP |
1/12/2010 | 55.7 % of GDP |
1/3/2011 | 55.9 % of GDP |
1/6/2011 | 56.4 % of GDP |
1/9/2011 | 56.5 % of GDP |
1/12/2011 | 56.8 % of GDP |
1/3/2012 | 57.1 % of GDP |
1/6/2012 | 58.4 % of GDP |
1/9/2012 | 58.6 % of GDP |
1/12/2012 | 58.9 % of GDP |
1/3/2013 | 58.8 % of GDP |
1/6/2013 | 58.7 % of GDP |
1/9/2013 | 58.1 % of GDP |
1/12/2013 | 58 % of GDP |
1/3/2014 | 59.1 % of GDP |
1/6/2014 | 59.5 % of GDP |
1/9/2014 | 60.2 % of GDP |
1/12/2014 | 59.3 % of GDP |
1/3/2015 | 60.6 % of GDP |
1/6/2015 | 58.4 % of GDP |
1/9/2015 | 59.8 % of GDP |
1/12/2015 | 59.6 % of GDP |
1/3/2016 | 60 % of GDP |
1/6/2016 | 61.5 % of GDP |
1/9/2016 | 61.8 % of GDP |
1/12/2016 | 61.3 % of GDP |
1/3/2017 | 62.5 % of GDP |
1/6/2017 | 63.1 % of GDP |
1/9/2017 | 62.8 % of GDP |
1/12/2017 | 63.2 % of GDP |
1/3/2018 | 62.8 % of GDP |
1/6/2018 | 63.2 % of GDP |
1/9/2018 | 64.2 % of GDP |
1/12/2018 | 66.6 % of GDP |
1/3/2019 | 66.9 % of GDP |
1/6/2019 | 67.5 % of GDP |
1/9/2019 | 68.1 % of GDP |
1/12/2019 | 68.3 % of GDP |
1/3/2020 | 68.4 % of GDP |
1/6/2020 | 69.8 % of GDP |
1/9/2020 | 69.5 % of GDP |
1/12/2020 | 69.8 % of GDP |
1/3/2021 | 69.3 % of GDP |
1/6/2021 | 68.7 % of GDP |
1/9/2021 | 68 % of GDP |
1/12/2021 | 67.6 % of GDP |
1/3/2022 | 67.2 % of GDP |
1/6/2022 | 66.9 % of GDP |
1/9/2022 | 67.5 % of GDP |
1/12/2022 | 67.5 % of GDP |
1/3/2023 | 67.9 % of GDP |
1/6/2023 | 69.8 % of GDP |
1/9/2023 | 68.8 % of GDP |
घरेलू ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/9/2023 | 68.8 % of GDP |
1/6/2023 | 69.8 % of GDP |
1/3/2023 | 67.9 % of GDP |
1/12/2022 | 67.5 % of GDP |
1/9/2022 | 67.5 % of GDP |
1/6/2022 | 66.9 % of GDP |
1/3/2022 | 67.2 % of GDP |
1/12/2021 | 67.6 % of GDP |
1/9/2021 | 68 % of GDP |
1/6/2021 | 68.7 % of GDP |
घरेलू ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में के समान मैक्रो संकेतक
नाम | वर्तमान | पिछला | फ्रीक्वेंसी |
---|---|---|---|
🇱🇺 उपभोक्ता ऋण | 1.845 अरब EUR | 1.824 अरब EUR | मासिक |
🇱🇺 उपभोक्ता व्यय | 5.01 अरब EUR | 4.949 अरब EUR | तिमाही |
🇱🇺 उपभोक्था विश्वास | -13.4 points | -12.1 points | मासिक |
🇱🇺 खुदरा बिक्री YoY | 17.3 % | 10 % | मासिक |
🇱🇺 खुदरा बिक्री मासिक परिवर्तन | 0.6 % | -1.7 % | मासिक |
🇱🇺 घरेलू आय के मुकाबले परिवारों का कर्ज | 181.31 % | 181.66 % | वार्षिक |
🇱🇺 पेट्रोल की कीमतें | 1.61 USD/Liter | 1.65 USD/Liter | मासिक |
🇱🇺 बैंक क्रेडिट ब्याज दर | 4.5 % | 4.47 % | मासिक |
🇱🇺 व्यक्तिगत बचत | 18.14 % | 18.18 % | वार्षिक |
अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप
- 🇦🇱अल्बानिया
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घरेलू ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में क्या है?
घर-गृहस्थ के ऋण का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से अनुपात एक ऐसा सूचकांक है जो किसी देश की अर्थव्यवस्था और वहां के निवासियों की वित्तीय स्थिति का महत्वपूर्ण आकलन करता है। यह सूचकांक उस मापदंड को दर्शाता है जिसमें किसी देश के घर-गृहस्थों द्वारा लिया गया ऋण, उक्त देश के जीडीपी के अनुपात में होता है। यह विश्लेषण कई आर्थिक नीतियों और सूझ-बूझ भरे वित्तीय निर्णयों को निर्धारित करने में सहायक होता है। Eulerpool जैसी पेशेवर वेबसाइटें इस तरह के मैक्रोइकोनॉमिक डेटा को सार्वजनिक करती हैं ताकि निवेशक, नीति निर्धारण करने वाले और आर्थिक विश्लेषक सही और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकें। घर-गृहस्थ का ऋण जिसे प्रतिशत के रूप में गणना की जाती है, हमें यह समझने में मदद करता है कि एक घर या परिवार की वित्तीय सेहत जीडीपी के मुकाबले कितनी मजबूत है। अधिकतर आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि घर-गृहस्थों के उच्च ऋण स्तर का जीडीपी से रिश्ता आर्थिक स्थिरता और वित्तीय जोखिम को दर्शा सकता है। जब घर-गृहस्थों का ऋण जीडीपी के अनुपात में अत्यधिक होता है, तो यह वित्तीय संकट का संकेत हो सकता है। अधिक ऋण का मतलब यह हो सकता है कि घर-गृहस्थ अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अधिक कर्ज ले रहे हैं, जो भविष्य में उनकी क्षमता और आय पर दबाव डाल सकता है। वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रदान किया गया ऋण, जैसे कि गृह ऋण, वाहन ऋण, शिक्षा ऋण और क्रेडिट कार्ड ऋण आदि, सामान्यतः घरेलू ऋण के मुख्य स्रोत होते हैं। ये ऋण परिवारों द्वारा की गई दीर्घकालिक और अल्पकालिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं। हालांकि, इन ऋणों का उच्च स्तर देश की अर्थव्यवस्था को विभिन्न प्रकार के जोखिमों में डाल सकता है। घर-गृहस्थ ऋण का जीडीपी से अनुपात देखा जाता है ताकि नीति निर्धारक और वित्तीय संस्थान उचित कदम उठा सकें। यह अनुपात किसी भी देश की वित्तीय स्थिरता का एक महत्वपूर्ण संकेत होता है। उच्च अनुपात आर्थिक मंदी और वित्तीय संकट का पूर्व संकेत हो सकता है। उधार लेने की प्रवृत्ति में बदलाव, आउटलुक और अर्थव्यवस्था की डिसिबिलिटी को चित्रित करने के लिए यह सूचकांक महत्वपूर्ण होता है। सरकारें और केंद्रीय बैंक अक्सर घर-गृहस्थ ऋण के जीडीपी अनुपात पर ध्यान देते हैं। ये सूचकांक नीतिगत निर्णयों और आर्थिक सुधार के नीतियों का आधार बनते हैं। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र, जैसे रियल एस्टेट, उपभोक्ता खर्च, और निवेश आदि में तुलनीय प्रभाव हो सकते हैं। घर-गृहस्थ ऋण का नियंत्रण और उसे उचित स्तर पर बनाए रखना किसी भी मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि कर्ज की मात्रा नियन्त्रण में हो और इसे दीर्घकालिक आधार पर चुकाना संभव हो। यदि ऋण का स्तर अत्याधिक होता है, तो यह घरेलू खपत और निवेश को प्रभावित कर सकता है, जिससे सम्पूर्ण आर्थिक वृद्धि पर नकारात्मक असर पद सकता है। Eulerpool जैसी वेबसाइटें इस तरह के महत्वपूर्ण आंकड़ों को एकत्रित और विश्लेषित करती हैं, ताकि उपयोगकर्ता अपने आर्थिक निर्णयों को सूचित और सटीक रूप में ले सकें। इस तरह के डेटा के माध्यम से आर्थिक प्रवृत्तियों का समझना और बाजार की नीतियों की समीक्षा संभव हो जाता है। इसके अलावा, घर-गृहस्थ के ऋण का जीडीपी से अनुपात भी देशों के बीच के आर्थिक अंतर को समझने में मदद करता है। विकसित और विकासशील देशों में इस अनुपात में बड़े अंतर हो सकते हैं क्योंकि उनके अर्थव्यवस्थाओं की संरचना और विपरीत स्थिति अलग-अलग होती है। Eulerpool द्वारा प्रदान किए गए इस तरह के मैक्रोइकोनॉमिक डेटा का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को समझने योग्य और विश्लेषणात्मक जानकारी प्रदान करना होता है। यह अनुशंसा की जाती है कि घरेलू ऋण के जीडीपी अनुपात को आर्थिक नीतियों और रणनीतियों के परिपेक्ष में सही ढंग से समझा जाए ताकि देश की आर्थिक सेहत का सटीक आकलन किया जा सके। एक बेहतरीन और व्यवस्थित आर्थिक ढांचे में घर-गृहस्थ के ऋण का उचित स्तर आवश्यक होता है ताकि समग्र आर्थिक वृद्धि और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित हो सके। ये सूचकांक हमें यह समझने में मदद करता है कि आर्थिक संसाधनों का प्रबंधन कितनी कुशलता से हो रहा है और वित्तीय जोखिमों का सामना कैसे किया जा सकता है। Eulerpool के माध्यम से इस तरह के विस्तृत और विश्लेषणात्मक डेटा का प्रयोग कर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आर्थिक निर्णय लेने में सूझ-बूझ और विवेक का पालन किया जा रहा है। ताकि अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा सही प्रकार से निर्धारित की जा सके।