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2 यूरो में सुरक्षित करें डेनमार्क श्रम लागत
शेयर मूल्य
डेनमार्क में वर्तमान श्रम लागत का मूल्य 114.41 अंक है। 1/3/2024 को डेनमार्क में श्रम लागत बढ़कर 114.41 अंक हो गई, जबकि 1/12/2023 को यह 111.46 अंक थी। 1/3/1990 से 1/6/2024 तक, डेनमार्क में औसत GDP 87.47 अंक थी। सबसे उच्चतम मूल्य 1/6/2024 को 115.82 अंक के साथ प्राप्त किया गया, जबकि सबसे न्यूनतम मूल्य 1/6/1994 को 66.22 अंक दर्ज किया गया।
श्रम लागत ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
काम करने के लागत | |
---|---|
1/3/1990 | 77.68 points |
1/6/1990 | 75.83 points |
1/9/1990 | 79.71 points |
1/12/1990 | 78.78 points |
1/3/1991 | 66.5 points |
1/6/1991 | 67.05 points |
1/9/1991 | 66.92 points |
1/12/1991 | 68.76 points |
1/3/1992 | 67.51 points |
1/6/1992 | 68.82 points |
1/9/1992 | 67.57 points |
1/12/1992 | 68.15 points |
1/3/1993 | 68.19 points |
1/6/1993 | 68.5 points |
1/9/1993 | 68.18 points |
1/12/1993 | 68.78 points |
1/3/1994 | 67.01 points |
1/6/1994 | 66.22 points |
1/9/1994 | 66.79 points |
1/12/1994 | 66.68 points |
1/3/1995 | 66.58 points |
1/6/1995 | 67.44 points |
1/9/1995 | 67.61 points |
1/12/1995 | 67.89 points |
1/3/1996 | 68.66 points |
1/6/1996 | 68.36 points |
1/9/1996 | 68.75 points |
1/12/1996 | 69.48 points |
1/3/1997 | 69.11 points |
1/6/1997 | 69.2 points |
1/9/1997 | 69.84 points |
1/12/1997 | 70.76 points |
1/3/1998 | 70.47 points |
1/6/1998 | 70.91 points |
1/9/1998 | 72.61 points |
1/12/1998 | 73.44 points |
1/3/1999 | 73.34 points |
1/6/1999 | 72.66 points |
1/9/1999 | 73.94 points |
1/12/1999 | 72.86 points |
1/3/2000 | 73.28 points |
1/6/2000 | 73.13 points |
1/9/2000 | 73.63 points |
1/12/2000 | 73.25 points |
1/3/2001 | 75.87 points |
1/6/2001 | 76.25 points |
1/9/2001 | 76.35 points |
1/12/2001 | 76.66 points |
1/3/2002 | 78.6 points |
1/6/2002 | 78.98 points |
1/9/2002 | 78.82 points |
1/12/2002 | 78.96 points |
1/3/2003 | 79.81 points |
1/6/2003 | 81.21 points |
1/9/2003 | 81.22 points |
1/12/2003 | 79.9 points |
1/3/2004 | 79.99 points |
1/6/2004 | 79.43 points |
1/9/2004 | 81.45 points |
1/12/2004 | 80.72 points |
1/3/2005 | 82.27 points |
1/6/2005 | 81.17 points |
1/9/2005 | 82.44 points |
1/12/2005 | 83.08 points |
1/3/2006 | 83.39 points |
1/6/2006 | 82.65 points |
1/9/2006 | 83.37 points |
1/12/2006 | 85.91 points |
1/3/2007 | 86.55 points |
1/6/2007 | 88.87 points |
1/9/2007 | 88.3 points |
1/12/2007 | 88.9 points |
1/3/2008 | 90.32 points |
1/6/2008 | 91.97 points |
1/9/2008 | 94.01 points |
1/12/2008 | 96.43 points |
1/3/2009 | 97.84 points |
1/6/2009 | 98.51 points |
1/9/2009 | 98.42 points |
1/12/2009 | 95.67 points |
1/3/2010 | 97.48 points |
1/6/2010 | 97.08 points |
1/9/2010 | 95.99 points |
1/12/2010 | 97.05 points |
1/3/2011 | 96.72 points |
1/6/2011 | 96.15 points |
1/9/2011 | 97.57 points |
1/12/2011 | 97.26 points |
1/3/2012 | 97.77 points |
1/6/2012 | 97.32 points |
1/9/2012 | 98.01 points |
1/12/2012 | 98.77 points |
1/3/2013 | 98.18 points |
1/6/2013 | 98.27 points |
1/9/2013 | 97.91 points |
1/12/2013 | 98.47 points |
1/3/2014 | 99.16 points |
1/6/2014 | 99.32 points |
1/9/2014 | 98.26 points |
1/12/2014 | 99.25 points |
1/3/2015 | 99.48 points |
1/6/2015 | 99.66 points |
1/9/2015 | 100.37 points |
1/12/2015 | 100.49 points |
1/3/2016 | 100.33 points |
1/6/2016 | 100.16 points |
1/9/2016 | 99.65 points |
1/12/2016 | 99.73 points |
1/3/2017 | 99.61 points |
1/6/2017 | 99.31 points |
1/9/2017 | 100.34 points |
1/12/2017 | 101.06 points |
1/3/2018 | 100.57 points |
1/6/2018 | 101.7 points |
1/9/2018 | 101.68 points |
1/12/2018 | 102.25 points |
1/3/2019 | 103 points |
1/6/2019 | 102.55 points |
1/9/2019 | 103.09 points |
1/12/2019 | 103.69 points |
1/3/2020 | 104.61 points |
1/6/2020 | 109.39 points |
1/9/2020 | 105.34 points |
1/12/2020 | 106.47 points |
1/3/2021 | 106.28 points |
1/6/2021 | 104.29 points |
1/9/2021 | 103.64 points |
1/12/2021 | 103.79 points |
1/3/2022 | 107.55 points |
1/6/2022 | 108.89 points |
1/9/2022 | 109.42 points |
1/12/2022 | 113.09 points |
1/3/2023 | 111.22 points |
1/6/2023 | 112.62 points |
1/9/2023 | 112.18 points |
1/12/2023 | 111.46 points |
1/3/2024 | 114.41 points |
श्रम लागत इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/3/2024 | 114.41 अंक |
1/12/2023 | 111.46 अंक |
1/9/2023 | 112.18 अंक |
1/6/2023 | 112.62 अंक |
1/3/2023 | 111.22 अंक |
1/12/2022 | 113.09 अंक |
1/9/2022 | 109.42 अंक |
1/6/2022 | 108.89 अंक |
1/3/2022 | 107.55 अंक |
1/12/2021 | 103.79 अंक |
श्रम लागत के समान मैक्रो संकेतक
नाम | वर्तमान | पिछला | फ्रीक्वेंसी |
---|---|---|---|
🇩🇰 अंशकालिक काम | 7,85,600 | 7,59,500 | तिमाही |
🇩🇰 उत्पादकता | 114.084 points | 112.779 points | तिमाही |
🇩🇰 जनसंख्या | 5.93 मिलियन | 5.87 मिलियन | वार्षिक |
🇩🇰 दीर्घकालिक बेरोजगारी दर | 0.7 % | 0.6 % | तिमाही |
🇩🇰 निर्माण में मजदूरी | 162.7 points | 161.8 points | तिमाही |
🇩🇰 पुरुषों की सेवानिवृत्ति आयु | 67 Years | 67 Years | वार्षिक |
🇩🇰 पूर्णकालिक रोजगार | 2.15 मिलियन | 2.154 मिलियन | तिमाही |
🇩🇰 बेरोजगार व्यक्ति | 76,200 | 75,600 | मासिक |
🇩🇰 बेरोजगारी दर | 2.5 % | 2.5 % | मासिक |
🇩🇰 मजदूरी | 46,003.13 DKK/Month | 44,545.6 DKK/Month | वार्षिक |
🇩🇰 महिलाओं की सेवानिवृत्ति आयु | 67 Years | 67 Years | वार्षिक |
🇩🇰 युवा बेरोजगारी दर | 15.3 % | 15.1 % | मासिक |
🇩🇰 रोजगार के अवसर | 55,678 | 50,610 | तिमाही |
🇩🇰 रोजगार दर | 69.6 % | 69.4 % | मासिक |
🇩🇰 रोजगार दर | 73.8 % | 73.5 % | मासिक |
🇩🇰 रोजगार परिवर्तन | 0.1 % | 0.5 % | तिमाही |
🇩🇰 रोजगार में लगे व्यक्ति | 3.07 मिलियन | 3.053 मिलियन | तिमाही |
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श्रम लागत क्या है?
लेबर कॉस्ट्स: आर्थिक विश्लेषण और प्रभाव लेबर कॉस्ट्स या श्रम लागत किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण संकेतक होते हैं, जो उत्पादन आयोजित करने के लिए आवश्यक कुल खर्च में कार्यबल पर होने वाले व्यय को प्रदर्शित करते हैं। कई अर्थशास्त्रियों और वित्तीय विश्लेषकों द्वारा लेबर कॉस्ट्स को अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण सूचक माना जाता है। हमारी वेबसाइट, eulerpool, आपको उच्चतम गुणवत्ता के मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रदान करने के प्रति समर्पित है, जिससे कि आपके लिए सटीक और व्यापक आर्थिक विश्लेषण करना आसान हो सके। लेबर कॉस्ट्स का व्यापक अर्थ सिर्फ कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन में नहीं, बल्कि इसके अंतर्गत आने वाले अन्य खर्चों में भी निहित है। इसमें सामाजिक सुरक्षा योगदान, बीमा प्रीमियम और अन्य उपकार भी शामिल होते हैं। अर्थव्यवस्था में इन खर्चों की बढ़ोतरी सीधे तौर पर कंपनियों और संगठनों की उत्पादन लागत को प्रभावित करती है, जो बदले में उत्पादों और सेवाओं की कीमतों पर असर डालती हैं। भारत जैसे विकासशील देशों में लेबर कॉस्ट्स का विश्लेषण करते समय कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया जाना चाहिए। श्रमिकों की विशेषज्ञता (स्किल लेवल), क्षेत्रीय असमानताएँ, और नीतिगत बदलावें इन लागतों पर व्यापक प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए, शहरी इलाकों में श्रम लागत ग्रामीण इलाकों से अधिक हो सकती है, क्यूंकि शहरों में जीवन का स्तर उच्च और महँगा होता है। सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेज (minimum wage) कानून भी लेबर कॉस्ट्स में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। न्यूनतम वेतन न केवल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी को सुनिश्चित करता है, बल्कि इसे बढ़ाने के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा की जाने वाली घोषणाएँ और बदलाव भी श्रम लागत में उतार-चढ़ाव लाते हैं। इसके अतिरिक्त, ट्रेड यूनियन और लेबर रिफॉर्म्स भी लेबर कॉस्ट्स को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। आधुनिक समय में तकनीकी उद्भव और डिजिटलाइजेशन ने लेबर कॉस्ट्स में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। तकनीकी उन्नति के साथ स्वचालन (automation) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कंपनियों में बढ़ा है, जिससे मैन्युअल श्रम की जरूरत में कमी आई हैं। हालांकि, उन्नत तकनीकी कौशल वाले कर्मियों के लिए मांग में वृद्धि हुई है, जिससे वेतन संरचना में स्पष्ट बदलाव देखे जा सकते हैं। लेबर कॉस्ट्स का विश्लेषण करने के लिए कई महत्वपूर्ण मैट्रिक्स का उपयोग किया जाता है। सबसे सामान्य मेट्रिक 'लेबर कॉस्ट पर यूनिट आउटपुट' है, जो उत्पादन प्रति यूनिट पर लगाए गए श्रम खर्च को मापता है। यह आंकड़ा उन उद्योगों और सेक्टरों को चिन्हित करने में मदद करता है, जिनमें लागत दक्षता (cost efficiency) की अधिक संभावना है। इसके अतिरिक्त, 'वेजेज टू जीडीपी रेश्यो' (wages to GDP ratio) भी एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो बताता है कि किसी अर्थव्यवस्था के वर्कफोर्स को कितनी समृद्धि प्राप्त हो रही है। विकसित और विकासशील देशों के बीच लेबर कॉस्ट्स में विशेष अंतर देखा जा सकता है। विकसित देशों में उन्नत श्रम कानून, उच्च जीवन स्तर, और सरकारी नीतियाँ लेबर कॉस्ट्स को अधिक बनाती हैं। इसके विपरीत, विकासशील देशों में सस्ते श्रम के कारण लेबर कॉस्ट्स तुलनात्मक रूप से निम्न होते हैं, लेकिन यह कम जीवन स्तर और मजदूरों के अधिकारों में कमी की कीमत पर आता है। भारतीय संदर्भ में बात करें तो, लेबर कॉस्ट्स में क्षेत्रीय विविधता और विभिन्न उद्योगों में भिन्नता देखी जा सकती है। आईटी उद्योग, जो तकनीकी और विशेषज्ञता पर अधिक निर्भर करता है, उच्च वेतन प्रदान करता है, जबकि कृषि और निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों के वेतन कम होते हैं। इसके अतिरिक्त, श्रम की कुल लागत में वृद्धि का प्रभाव भी समग्र उत्पादन और उनकी बाजार प्रतिस्पर्धा क्षमता पर पड़ता है। कंपनियों के लिए श्रम लागत में निहित चुनौतियों को प्रबंधन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। लागत को नियंत्रित करने के लिए मल्टी-स्किल ट्रेनिंग, श्रमिक उन्नति योजना, और श्रम के नवीनतम तकनीकी उपकरणों का उपयोग करना कुछ ऐसे उपाय हैं जो इन्हें प्रतिस्पर्धी बनाए रखते हैं। इसके साथ ही, श्रमिकों को न्यायसंगत वेतन और उपयोगी लाभ प्रदान करना न केवल उनकी उत्पादकता को बढ़ाता है, बल्कि उनके काम के प्रति निष्ठा और सर्माण में भी सुधार करता है। लेबर कॉस्ट्स का एक और महत्वपूर्ण पहलू है विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) पर इसका प्रभाव। कम श्रम लागत वाले देश बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए आकर्षण का केंद्र हो सकते हैं, जिससे कि वे अपने उत्पादन इकाइयाँ उन देशों में स्थापित करने में अधिक रुचि दिखाते हैं। इसके विपरीत, उच्च श्रम लागत वाले देश घरेलू उत्पादन को अधिक प्रतिस्पर्धा की स्टेप पर लाकर कम कर सकते हैं। इस प्रकार, लेबर कॉस्ट्स का गहन विश्लेषण एक अर्थव्यवस्था की समृद्धि, श्रमिकों के जीवन स्तर, और उत्पादन क्षमता को मापने के लिए अनिवार्य है। eulerpool पर, हम आपको नवीनतम और सटीक मैक्रोइकोनॉमिक डेटा उपलब्ध कराते हैं, जिससे आपके व्यावसायिक निर्णय और आर्थिक विश्लेषण में सुधार हो सके। हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा और विश्लेषण उपकरणों का उपयोग करके, आप न केवल लेबर कॉस्ट्स के विभिन्न घटकों को समझ सकते हैं, बल्कि वैश्विक आर्थिक परिवर्तनों के साथ इन पर पड़ने वाले प्रभावों का भी सटीक आकलन किया जा सकता है। यह दीर्घकालिक आर्थिक योजना बनाने में एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित हो सकता है।